सामवेद से संदेश-उषाकाल में जागना स्वास्थ्यवर्द्धक

 सामवेद से संदेश-उषाकाल में जागना स्वास्थ्यवर्द्धक


सामवेद में कहा गया है कि


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उस्त्रा देव वसूनां कर्तस्य दिव्यवसः।


‘‘उषा वह देवता है जिससे रक्षा के तरीके सीखे जा सकते हैं।’’


ते चित्यन्तः पर्वणापर्वणा वयम्।


‘‘हम प्रत्येक पर्व में तेरा चिंत्न करें’’


प्रातः उठने से न केवल विकार दूर होते हैं वरन् जीवन में कर्म करने के प्रति उत्साह भी पैदा होता है। अगर हम आत्ममंथन करें तो पायेंगे कि हमारे अंदर शारीरिक और मानसिक विकारों का सबसे बड़ा कारण ही सूर्योदय के बाद नींद से उठना है। हमारी समस्या यह नही है कि हमें कहीं सही इलाज नहीं मिलता बल्कि सच बात यह है कि अपने अंदर विकारों के आगमन का द्वार हम सुबह देरसे उठकर स्वयं ही खोलते हैं। बेहतर है कि हम सुबह सैर करें या योगसाधना करें। व्यायाम करना भी बहुत अच्छा है।

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